സെൻറ് ജോൺസ് മോഡൽ എച്ച്.എസ്.എസ്. നാലാഞ്ചിറ/അക്ഷരവൃക്ഷം/ समाज मे स्त्री का स्थान

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समाज मे स्त्री का स्थान


       पुराने ज़माने में अौरत की हालत क्या थी? वह हमेशा घर के  चार दीवारों के अंदर पडी़ रहती थी। उसको बाहर जाने का शिक्षा पाने का या किसी से खुलकर बातें करने का मौका नहीं मिलती थी।वह केवल पति बच्चों या अन्य घर वालों केलिए अपनी जीवन बिताती थी।उसे घर के अन्य लोग अपने इशारों पर नचाती थी।लेकिन अब ज़माना बदल गया

आज अौरत घर के बीतर गुलाम बनके जीना नहीं चाहती।वह घर के चार दीवारों से बाहर निकलकर पुरुष के समान जीने लायक बनी है।पुराने ज़माने की औरत घर के अंदर जीकर अपने पति बच्चों या सास-ससुर की खुशी केलिए अपने जीवन बिताती थी,तो आज की स्त्री घर के बाहर चलकर पूरे देश के लोगों के शासन कार्य चलाने मे सक्षम है।

        पुराने ज़माने मे स्त्री कहीं जाने केलिए या किसी अन्य कार्य केलिए दूसरों की मदद मॉंगती थी लेकिन आज की स्त्री दूसरों के काम में मदद करती है क्यूकी आज की स्त्री शिक्षित है।पुराने ज़माने में स्त्री को शिक्षा पाने का अधिकार नहीं थी तो आज वह पुरुष से ज्या़दा शिक्षित है।स्कूटर से लेकर हवाई ज़हाज़ चलाने में वह सक्षम है।वह रसोईघर से प्रधान मंत्री राष्ट्रापति के पद तक पहूॅच गई है।फिर भी कहीं कहीं आज भी वह असुरक्षित है।
हरषा के एच
11 जी സെൻറ് ജോൺസ് മോഡൽ എച്ച്.എസ്.എസ്. നാലാഞ്ചിറ
തിരുവനന്തപുരം നോർത്ത് ഉപജില്ല
തിരുവനന്തപുരം
അക്ഷരവൃക്ഷം പദ്ധതി, 2020
ലേഖനം


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