ഗവൺമെന്റ് എച്ച്. എസ്. എസ്. ഫോർ ഗേൾസ് ആറ്റിങ്ങൽ/അക്ഷരവൃക്ഷം/सुधार

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सुधार

मनुष्य भूमि जैसे एक सुंदर वरदान का प्रतिदिन शोषण करते जा रहे हैं। ऐसा करने से हम अपना जीवन ही नहीं बल्कि बेगुनाह जानवरों को भी खतरे में डाल रहे हैं। यह कहानी भी इसी समस्या के बारे में चर्चा करती है। 'सुधार' एक ऐसे आदमी की कहानी है जो अपने भाषण से नई पीढ़ी को सुधारना चाहता है।


                    जैसे सबको पता है कि प्रकृति का संरक्षण किए बिना हम जी नहीं सकते वैसे राम को यह बात पता था। फरक सिर्फ इतना था कि प्रकृति संरक्षण के बारे में बच्चों को ज़्यादा जानकारी देते हुए वह पैसे कमाता था। वैसे भी इस काम को वह बिल्कुल बुरा नहीं मानता। प्रकृति का महत्व सिर्फ दूसरे बच्चों को ही नहीं , बल्कि अपनी बेटी मुन्नी को भी राम समझाता था। 
राम का भाषण सबको पसंद था और इसीलिए उसे खाली समय कभी नहीं मिलता था। एक दिन राम स्कूल में भाषण देने के बाद बहुत थका हुआ घर वापस आया। जब वह अपनी गाड़ी से उतरा तो उसने मुन्नी को देखा। वह अपने एक छोटे - से गुलाब के पौधे को पानी से सींच रही थी। यह देखकर राम बहुत खुश हुआ। इस खुशी से उसने अपनी लाड़ली को बुलाकर शाबाशी दी , लेकिन मुन्नी का चेहरा उतरा हुआ था। राम ने पूछा- " क्यों मुन्नी, क्या हुआ? " उसने अपने पिता की तरफ़ देखा और कहा- " पापा, आप हर दिन इसी गाड़ी पे ही क्यों चलते हैं? आपको कभी बस पे चलते हुए नहीं देखा। क्या आपको बस पसंद नहीं ?" राम - " अरे तुम्हें क्या हुआ? अचानक इतने सारे सवाल ! मैं अपनी गाड़ी पर इसलिए चलता हूँ क्योंकि बस में सफ़र करने से भी आसान इसमें सफ़र करना है। पर अभी तुमने यह क्यों पूछा?" मुन्नी उदास स्वर में -" कल मेरी कक्षा में एक अध्यापिका आई और कहा कि ऐसे हम गाडि़यों के ज़्यादा इस्तेमाल करने से अनजाने इस सुंदर पृथ्वी को मार रहे हैं। क्या आप भी यही कर रहे हैं?" तभी उसकी माँ उसे पुकारते हुए सुनकर वह घर की ओर भागती हुई चली गई। पर राम वहाँ से हिल नहीं पाया। एक बार फिर से सोचा और समझ गया कि अपनी बेटी गलत नहीं थी। उसी वक्त उसने तय कर लिया कि आगे से कभी भी आसपास जाने के लिए या आम बातों के लिए बाहर जाना पड़े तो पैदल या बस जैसे गाडि़यों में ही जाऊँगा और अपनी गाड़ी सिर्फ़ किसी खास काम के लिए जाना पड़े तो ।
कावेरी आर. जैन
9 ഗവൺമെന്റ് ഗേൾസ് എച്ച് എസ് എസ് ആറ്റിങ്ങൽ
ആറ്റിങ്ങൽ ഉപജില്ല
തിരുവനന്തപുരം
അക്ഷരവൃക്ഷം പദ്ധതി, 2020
കഥ


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