"Ssk17:Homepage/ഹിന്ദി കവിതാ രചന (എച്ച്.എസ്)/ഒന്നാം സ്ഥാനം" എന്ന താളിന്റെ പതിപ്പുകൾ തമ്മിലുള്ള വ്യത്യാസം
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വരി 73: | വരി 73: | ||
| പേര്= ANJANA RAJAN | | പേര്= ANJANA RAJAN | ||
| ക്ലാസ്സ്= 10 | | ക്ലാസ്സ്= 10 | ||
| | | വർഷം=2017 | ||
| | | സ്കൂൾ= ജി.എച്ച്. എസ്.എസ്.ചായ്യോത്ത് (Kasaragod) | ||
| | | സ്കൂൾ കോഡ്= 12044 | ||
| ഐറ്റം=ഹിന്ദി കവിതാ രചന | | ഐറ്റം=ഹിന്ദി കവിതാ രചന | ||
| വിഭാഗം= എച്ച്.എസ് | | വിഭാഗം= എച്ച്.എസ് | ||
| മത്സരം=സംസ്ഥാന | | മത്സരം=സംസ്ഥാന സ്കൂൾ കലോത്സവം | ||
| പേജ്=Ssk17:Homepage | | പേജ്=Ssk17:Homepage | ||
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23:55, 26 സെപ്റ്റംബർ 2017-നു നിലവിലുള്ള രൂപം
फूल़ और कॉंटें
होती हॆ कहानी हर किसी की , मुस्कराह्ट,गम और प्यार की | खिलती हॆ हर एक जीवन बरसों कू तपस्या से..... होति हॆ कहानी हर जीत की - पीछे सालों की मेहनत की | होती हॆ कहानि हर खुशी की - पीछे बरसों की गम की | ऐसे अजिब था जीवन मेरा, लेकिन खिला हूं अब फूल़् जैसे | पर जीवन के उस काले कॉंटें कॊ कहीं धुपाना हॆ मैंने | वॊ दिन आसमान थॆ कालॆ, बादल सॆ गिर रहा था बारिश , पर चमक रहीं भि आॉंखें मेरी , सबसॆ खूबसूरत फूल की चमक | आयेंगॆ लोग देखनॆ मेरॆ चमक, दिखाना हॆ मुझॆ उन सबकॊ , मुझॆ बेकार कहॆ लोगों कॊ क्या मोड लिया हॆ जिंदगी नॆ मेरी | कहा था मुझसॆ सबनॆ, "बनॊ तुम डाक्टर था इनजीनीसऱ् "| लेकिन सपना था मेरी,बननॆ की, 'दुनिया कॆ सबसॆ महत्व कवि'| दिखाऊगॉ उन सबकॊ में, होती हॆ क्या एक कवि बनना | कलम कॊ तलवार बनाकर पूरि दुनिया सॆ लडं जाना | मेरि तलवार सॆ निकली पहली कविता - 'एक कली खिलतॆ समय.....' रचा नहीं इसॆ कियी फूल कॊ देखकर, यथाथॆ हॆ मेरॆ जीवन की यह | खिल चुका हूॉं अब में, नहीं तोड पाऎगी कोई भी मुझॆ | मौत कॆ बाद भी खिला रहेेगा, मेरॆ हर कविता सॆ | लेकिन उस खिलनॆ कॆ पीछॆ भी, हैं एक बहूत लंबी कहानि | हर कॉटों सॆ मिला दर्द पर भी, मुस्कुरानॆ की हैसल की कहानी | आसान हॆ खिलनॆ एक फूल कॆ, लेकिन हॆ नहीं एक कवि की | अपनॆ अंदर कॆ हर अग कॊ अक्षर में बदलकर खिलता हॆ एक कवि | सभी मानव हॆ फूल कॆ समान, खुशियॉं फैलाकर खिलनॆवालॆ | पर खोजना हॆ हर किसी कॊ अंदर की वॊ खूबसूरत फूल कॊ| खोजा करॊ तुम उसॆ हर पल अंदर कॆ वॊ फूल कॊ, मिलेंगॆ तुझॆ दिल कॆ किसी अंदेरे कोन में | क्योंकि, खिलनॆ की चाह हॆ हर फूल में....... लेकिन ऐसी भी हॆ कहानि फूलों की, जॊ खिलनॆ कॆ पहलॆ हि गिर गया | बनाऒ तुम अपनी जिंदगी, मौत कॆ आनॆ की पहलॆ ही| लेकिन खिलना तुम बिलकुल ऐसॆ - चायों दि शाऒं में खुशबू फैलाकर, सबकॆ कॆ मन में प्यार का याद दिलाकर, बिलाकुल एक कली खिलतॆ जैसॆ |
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വർഗ്ഗങ്ങൾ:
- 2017ലെ സൃഷ്ടികൾ
- 12044 സ്കൂളിലെ കുട്ടികളുടെ സൃഷ്ടികൾ
- എച്ച്.എസ് വിഭാഗം സൃഷികൾ
- സംസ്ഥാന സ്കൂൾ കലോത്സവം 2017
- സംസ്ഥാന സ്കൂൾ കലോത്സവം-2017ൽ എച്ച്.എസ് വിഭാഗം ഹിന്ദി കവിതാ രചന ഇനത്തിൽ തയ്യാറാക്കിയ രചനകൾ
- സംസ്ഥാന സ്കൂൾ കലോത്സവം-2017ൽ എച്ച്.എസ് വിഭാഗം തയ്യാറാക്കിയ രചനകൾ
- എച്ച്.എസ് വിഭാഗം ഹിന്ദി കവിതാ രചന ഇനത്തിൽ തയ്യാറാക്കിയ രചനകൾ
- ഹിന്ദി കവിതാ രചന
- 12044