"ഗവ.എച്ച്.എസ്സ്.എസ്സ്,ആയാപറമ്പ്./അക്ഷരവൃക്ഷം/रामु और पक्षी" എന്ന താളിന്റെ പതിപ്പുകൾ തമ്മിലുള്ള വ്യത്യാസം
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आज गर्मी की छुट्टियों का पहला दिन था l लेकिन रामु हमेशा की तरह जल्दी उठ गया।वह पहले माँ के पास चला,फिर नहाने के बाद खाना भी खा लिया।वह खेलने के लिए बाहर निकला,लेकिन मैदान में कोई नहीं था।उसके बाद वह अपने दोस्त के घर गया l वहाँ भी कोई नहीं था l उसे बहुत दुख हुआ और घर वापस चला।वहाँ कोई नहीं था। | आज गर्मी की छुट्टियों का पहला दिन था l लेकिन रामु हमेशा की तरह जल्दी उठ गया।वह पहले माँ के पास चला,फिर नहाने के बाद खाना भी खा लिया।वह खेलने के लिए बाहर निकला,लेकिन मैदान में कोई नहीं था।उसके बाद वह अपने दोस्त के घर गया l वहाँ भी कोई नहीं था l उसे बहुत दुख हुआ और घर वापस चला।वहाँ कोई नहीं था। | ||
वह अपनी माँ को बुलाने लगा ।लेकिन किसीने भी उसकी आवाज़ नहीं सुनी l उसके घर पर ताला लगा हुआ था l वह नदी के किनारे की ओर गया और वहाँ बैठकर रोने लगा l अचानक उसने एक आवाज़ सुनी l वह उस आवाज़ की तरफ चलने लगा l उसने देखा कि वहाँ एक पक्षी गिर पड़ा था l वह उससे भी बड़ा था और उसके एक पंख पर चोट लगी हुई थी।वह उस पंची के पास गया और उसकी इलाज की l वे दोस्त बन गये l अपनी चोट ठीक होने पर उसने रामु से पूछा क्या तुम मेरे साथ घर आना चाहते हो ? रामु को बहुत खुशी हुई l वह पक्षी की पीठ पर बैठकर उड़ रहा था ।ऊपर से नीचे का नज़ारा बहुत सुंदर था l | |||
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तब उसने देखा कि पक्षी रो रहा है l उसने पक्षी से पूछा " तुम क्यों रो रहे हो ?"तब पक्षी ने कहा कि किसीने उसके घर को बर्बाद कर दिया है।उसका घर रहने वाला पेड़ काट डाला ।यह सुनकर रामु को बहुत दुख हुआ ।पक्षी ने रामु से कहा " तुम इंसान ऐसे पेड़ काटकर और नदियों में प्लास्टिक डालकर प्रकृति का नुकसान कर रहे हो। मुझसे तुम वादा करो कि तुम ऐसा नहीं करोगे ।" रामु ने वादा किया तब उसने अपनी माँ की आवाज़ सुनी और आँखें खोली।उसे पता चला कि वह सब एक सपना था ।वह अपनी माँ से यह बताने के लिए रसोई की ओर भागा । | |||
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[[വർഗ്ഗം:അക്ഷരവൃക്ഷം 2020 ഹിന്ദി രചനകൾ]] | |||
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20:55, 4 മേയ് 2020-നു നിലവിലുള്ള രൂപം
रामु और पक्षी
आज गर्मी की छुट्टियों का पहला दिन था l लेकिन रामु हमेशा की तरह जल्दी उठ गया।वह पहले माँ के पास चला,फिर नहाने के बाद खाना भी खा लिया।वह खेलने के लिए बाहर निकला,लेकिन मैदान में कोई नहीं था।उसके बाद वह अपने दोस्त के घर गया l वहाँ भी कोई नहीं था l उसे बहुत दुख हुआ और घर वापस चला।वहाँ कोई नहीं था। वह अपनी माँ को बुलाने लगा ।लेकिन किसीने भी उसकी आवाज़ नहीं सुनी l उसके घर पर ताला लगा हुआ था l वह नदी के किनारे की ओर गया और वहाँ बैठकर रोने लगा l अचानक उसने एक आवाज़ सुनी l वह उस आवाज़ की तरफ चलने लगा l उसने देखा कि वहाँ एक पक्षी गिर पड़ा था l वह उससे भी बड़ा था और उसके एक पंख पर चोट लगी हुई थी।वह उस पंची के पास गया और उसकी इलाज की l वे दोस्त बन गये l अपनी चोट ठीक होने पर उसने रामु से पूछा क्या तुम मेरे साथ घर आना चाहते हो ? रामु को बहुत खुशी हुई l वह पक्षी की पीठ पर बैठकर उड़ रहा था ।ऊपर से नीचे का नज़ारा बहुत सुंदर था l बहुत समय के बाद वह एक जंगल में आ पहुँचा l तब उसने देखा कि पक्षी रो रहा है l उसने पक्षी से पूछा " तुम क्यों रो रहे हो ?"तब पक्षी ने कहा कि किसीने उसके घर को बर्बाद कर दिया है।उसका घर रहने वाला पेड़ काट डाला ।यह सुनकर रामु को बहुत दुख हुआ ।पक्षी ने रामु से कहा " तुम इंसान ऐसे पेड़ काटकर और नदियों में प्लास्टिक डालकर प्रकृति का नुकसान कर रहे हो। मुझसे तुम वादा करो कि तुम ऐसा नहीं करोगे ।" रामु ने वादा किया तब उसने अपनी माँ की आवाज़ सुनी और आँखें खोली।उसे पता चला कि वह सब एक सपना था ।वह अपनी माँ से यह बताने के लिए रसोई की ओर भागा ।
സാങ്കേതിക പരിശോധന - Sachingnair തീയ്യതി: 04/ 05/ 2020 >> രചനാവിഭാഗം - കഥ |
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