एक दिन मैं एक प्यारी कली थी।
फूलों की बहींजे में, मैं सबकी प्यारी थी।
बारिश आयी, ठंडी हवा आया।
मैं धीरे धीरे एक प्यारा सा फूल बन गया।
बारिश की बूँदों मुझे छूने लगा ।
तितलियों ने मुझसे बातें करने लगा ।
बच्चों मेरे सुगंध से मोहित हुवा।
मुझमें मधु भरने लगा।
मधुमखियों ने मुझसे मधु पिलाने केलिया आया।
अचानक एक दिन मेरा पांगुड़ियों बिगड़ गया।
मेरा वर्ण बिगड़ गया।