स्वछता

" कोरोना -कोरोना -कोरोना"-यही ध्वनि आज अत्र-तंत्र -सर्वत्र गूँज रही है।इस महापिशाजीनि बीमारी से लोग भयभीत हो रहे है। विशव को निगलने के लिए महासरपिनी - सी कोरोना नृत्य कर रही है। हजारों ,लाखों लोगों को मृत्यु के मुख में डाल दिया है।बड़े। - बड़े सपन्न राष्ट्र भी इस महाभूत से त्रस्थ है। सारी दुनिया इस महाबिमारी से बचने की कोशिश में है। आज सम्पूर्ण ज्ञान - विज्ञान को पराजित करके सी कॉरोना अपना तांडव नृत्य प्रकट कर रही है।

                                                              "कारोना- कोई रोड पर न मिले"- यह हमारी प्रधान मंत्रीजी के शब्द है।लोग दूरी से हाथ मिलाने के बदले नमस्ते कहे। आज। भारत में केरल में भी यह महामारी फाइल चुकी है।पर  हमने बड़ी सावधानी रखी है। कठोर नियंत्रण  से बीमारी को दूर कर रखा है। हम आगे भी  यही मार्ग  स्वीकार करेंगे ।
                           स्वछता,स्वछता रखना,परिस्थिति स्वॉच रखना और व्यक्तिगत स्वछता भी जरूरी है।  डरो    मत  , पर दूर रहो। कोई भी स्वास्त्य भि भाग के उपदेश, सूचना एवं नियंत्रण मथ तोड़ो। ध्यान से पूरा - पूरा पालन करें। हमारा पूरा विश्वास है की हमारी  एकता से , स्वछता से , समचदारी के व्यवहार से इस कलासरपिनी कोरॉना से अवश्य मुक्ति पाएंगे।
           स्वछता का अर्थ है सफाई से रहने की आदत। मनुष्य का अच्छा स्वास्थ्य के लिए स्वछता जरूरी है। स्वछता एक व्यक्ति की जिम्मेदारी की नहीं बल्कि सभी नागरिक की है।सफाई से रहनेवाले और सफाई करनेवाले आदमी को समाज में आदर मिलती है। स्वछता एक ऐसी कार्य  है , जिसे हम किसी की दबाव में नहीं करनी चाहिए ।
                  हमारे प्रधानमंत्रीजी श्री नरेन्द्र मोदीजी ने स्वछता अभियान की शुरूआत किया है जिसे स्वच्छ भारत अभियान कहा जाता है।सभी धर्मों में स्वछता का संदेश दिया गया है।
       स्वछता महत्व हो जाता है जब देवत्व कम हो जाता है। स्वछता एक व्यक्ति की पहली और  प्राथमिक जिम्मेदारी होनी चाहिए।स्वछता से हम कभी भी समझोता नहीं करनी चाहिए।


"स्वच्छ रहें; स्वस्थ रहें"।

ജോതിക എസ് ദാസ്
10 J1 സെന്റ് മേരീസ് ഹയർ സെക്കന്ററി സ്കൂൾ, പട്ടം
തിരുവനന്തപുരം നോർത്ത് ഉപജില്ല
തിരുവനന്തപുരം
അക്ഷരവൃക്ഷം പദ്ധതി, 2020
ലേഖനം


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