എൽ.എം.സി.സി.എച്ച്.എസ്. ചാത്തിയാത്ത്/അക്ഷരവൃക്ഷം/ കോവിഡ് 19/അപ്പുവിന്റെ സംശയം

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लोमडी और कौआ

एक बार की बात है किसी जंगल में एक लोमडी रहता था। वह बहुत ही भूखी थी। वह अपनी भूख मिटाने केलिए भोजन की खोज में इधर-उधर घूम ने लगी। उसने सारा जंगल छान मारा, जब उसे सारे जंगल में भटकने के बाद भी कुछ न मिला। तो वह गर्मी और भूख से परेशान होकर एक पेड के नीचे बैठ गई। अचानक उसकी नज़र ऊपर गई। पेड पर एक कौआ बैठा हुआ था। उसके मूँह में रोटी का एक टुकडा था। कौए के मूँह में रोटी देखकर उस भूखी लोमडी के मूँह में पानी भर आया । वह कौए से रोटी छीनने का उपाय सोचने लगी। उसे अचानक एक उपाय सूझा और तभी उसने कौए से कहा "कौआ भैया, तुम बहुत ही सुन्दर हो। मैने तुम्हारी बहुत प्रशंसा सुनी है, सुना है तुम गीत बहुत अच्छे गाते हो। तुम्हारी सुरीली मधुर आवाज. के सभी दीवाने है। क्या मुझे गीत नही सुनाओगे? कौआ अपनी प्रशंसा को सुनकर बहुत खुश हुआ। वह लोमडी की मीठी बातों मे लीन गया। और बिना सोचे समझे उसने गाना गाने केलिए मुँह खोल दिया। उसने जैसे ही अपना मूँह खोला, रोटी का टुकडा नीचे गिर गया। भूखी लोमडी ने झट से वह टुकडा उठाया और वहाँ से भाग गया। यह देखकर कौआ अपनी मूर्खता पर पछताने लगा। लेकिन अब पछताने से क्या होना था, चतुर लोमडी ने मूर्ख कौए की मूर्खता का लाभ उठाया और अपना फायदा किया।

कहानी से सीख- इस कहानी से यह सीख मिलती है कि हमें कभी भी किसी की बातें में नही आना चाहिए। साथ ही ऐसे लोगों से बचना चाहिए, जो आपकी झूठी प्रशंसा करते हैं। एसे लोग सिर्फ अपना काम निकलवाने केलिए ऐसा व्यापार करते है।


ഉമർ ഫാറൂഖ്
5 C എൽ.എം.സി.സി എച്ച് എസ് എറണാകുളം
എറണാകുളം ഉപജില്ല
എറണാകുളം
അക്ഷരവൃക്ഷം പദ്ധതി, 2024
കഥ


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