സെന്റ് ആന്റണീസ് യു പി സ്കൂൾ, തയ്യിൽ/അക്ഷരവൃക്ഷം/शरारती चूहा

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शरारती चूहा

गोलू के घर में एक शरारती चूहा आ गया | वह बहुत छोटा सा था मगर सारे घर में भागा चलता था। उसने गोलू की किताब भी कुतर डाली थी। कुछ कपडे़ भी कुतर दिए थे। गोलू की मॉ जो खाना बनाती और बिना ढके रख देती वह चूहा उसे भी चट कर जाता था। चूहा खा-पीकर बड़ा हो गया था। एक दिन गोलू की माँ ने एक बोतल में शरबत बनाकर रखा। शरारती चूहे की नज़र बोतल पर पड़ी। चूहा कई तरकीब लगाकर थक गया था। उसे शरबत पीना था। चूहा बोतल पर चढ़ा किसी तरह से ढक्कन को खोलने में सफल हो जाता है। अब उसमे चूहा मुंह घुसाने की कोशिश करता है। बोतल का मुंह नहीं घुसता। फिर चूहे को आइडिया आया उसने अपनी पूछं बोतल में डाली। पूछं शरबत से गीली हो जाती है उसे चाट - चाट कर चूहे का पेट भर गया। अब वह गोलू के तकिए के नीचे बने अपने बिस्तर पर जा कर आराम करने लगा।


नैतिक शिक्षा - : मेहनत करने से कोई कार्य असम्भव नहीं होता।

ബബിത ധാമി
6B സെന്റ് ആന്റണീസ് യു പി സ്കൂൾ തയ്യിൽ
കണ്ണൂർ നോർത്ത് ഉപജില്ല
കണ്ണൂർ
അക്ഷരവൃക്ഷം പദ്ധതി, 2020
കഥ


 സാങ്കേതിക പരിശോധന - Ebrahimkutty തീയ്യതി: 23/ 04/ 2020 >> രചനാവിഭാഗം - കഥ