"ഗവൺമെന്റ് എച്ച്.എസ്.എസ് മൈലച്ചൽ/അക്ഷരവൃക്ഷം/सांक्रमिक बीमारीI" എന്ന താളിന്റെ പതിപ്പുകൾ തമ്മിലുള്ള വ്യത്യാസം
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किसी शहर में दो मित्र रहते थे।उनका नाम कुमार और मोहर था। एक दिन वे काम करने केलिए घर से निकले। इस अवसर कुमार बीमार हो गए और मोहर ने कुमार को अस्पताल ले गया।वे डाक्टर को देखने के बाद घर में वापस चले। कुछ दिन के बाद दोनों बीमारी से पीड़ित हो गए। दिनों को अस्पताल में भर्ती की। दोनों का खून का संशोधन की।वे एक महामारी से पीड़ित हैं। दोनों को अस्पताल के अलग अलग कमरे में प्रवेश किया। | किसी शहर में दो मित्र रहते थे।उनका नाम कुमार और मोहर था। एक दिन वे काम करने केलिए घर से निकले। इस अवसर कुमार बीमार हो गए और मोहर ने कुमार को अस्पताल ले गया।वे डाक्टर को देखने के बाद घर में वापस चले। कुछ दिन के बाद दोनों बीमारी से पीड़ित हो गए। दिनों को अस्पताल में भर्ती की। दोनों का खून का संशोधन की।वे एक महामारी से पीड़ित हैं। दोनों को अस्पताल के अलग अलग कमरे में प्रवेश किया। | ||
दोनों के परिवारवाले बहुत दुखी हो गए।उनको कुमार और मोहर को देखने की इच्छा हो गए। लेकिन अवसर नहीं मिला। अस्पताल जाने के अवसर मोहर के पिता आकस्मिक दुर्घटना में मर गए। दिन भर बाप का स्मरण उन्हें सताते रहते थे। लोगों के सुरक्षा के लिए उन्हें अस्पताल में रहना पड़ा।कुछ दिन के बाद कुमार सुखी हो गए।लेकिन मोहर को बीमार से मुक्त नहीं मिला।उनका परिवार प्रार्थना में डूब गए। अस्पताल के लोग मोहर को अच्छी तरह पाला पोसा।वे सुखी हो गए और धन्यवाद कहकर घर चले। | दोनों के परिवारवाले बहुत दुखी हो गए।उनको कुमार और मोहर को देखने की इच्छा हो गए। लेकिन अवसर नहीं मिला। अस्पताल जाने के अवसर मोहर के पिता आकस्मिक दुर्घटना में मर गए। दिन भर बाप का स्मरण उन्हें सताते रहते थे। लोगों के सुरक्षा के लिए उन्हें अस्पताल में रहना पड़ा।कुछ दिन के बाद कुमार सुखी हो गए।लेकिन मोहर को बीमार से मुक्त नहीं मिला।उनका परिवार प्रार्थना में डूब गए। अस्पताल के लोग मोहर को अच्छी तरह पाला पोसा।वे सुखी हो गए और धन्यवाद कहकर घर चले। | ||
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सांक्रमिक बीमारी
किसी शहर में दो मित्र रहते थे।उनका नाम कुमार और मोहर था। एक दिन वे काम करने केलिए घर से निकले। इस अवसर कुमार बीमार हो गए और मोहर ने कुमार को अस्पताल ले गया।वे डाक्टर को देखने के बाद घर में वापस चले। कुछ दिन के बाद दोनों बीमारी से पीड़ित हो गए। दिनों को अस्पताल में भर्ती की। दोनों का खून का संशोधन की।वे एक महामारी से पीड़ित हैं। दोनों को अस्पताल के अलग अलग कमरे में प्रवेश किया। दोनों के परिवारवाले बहुत दुखी हो गए।उनको कुमार और मोहर को देखने की इच्छा हो गए। लेकिन अवसर नहीं मिला। अस्पताल जाने के अवसर मोहर के पिता आकस्मिक दुर्घटना में मर गए। दिन भर बाप का स्मरण उन्हें सताते रहते थे। लोगों के सुरक्षा के लिए उन्हें अस्पताल में रहना पड़ा।कुछ दिन के बाद कुमार सुखी हो गए।लेकिन मोहर को बीमार से मुक्त नहीं मिला।उनका परिवार प्रार्थना में डूब गए। अस्पताल के लोग मोहर को अच्छी तरह पाला पोसा।वे सुखी हो गए और धन्यवाद कहकर घर चले।
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വർഗ്ഗങ്ങൾ:
- അക്ഷരവൃക്ഷം പദ്ധതിയിലെ സൃഷ്ടികൾ
- നെയ്യാറ്റിൻകര ജില്ലയിലെ അക്ഷരവൃക്ഷം-2020 സൃഷ്ടികൾ
- കാട്ടാക്കട ഉപജില്ലയിലെ അക്ഷരവൃക്ഷം-2020 സൃഷ്ടികൾ
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- നെയ്യാറ്റിൻകര ജില്ലയിലെ അക്ഷരവൃക്ഷം ലേഖനംകൾ
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- നെയ്യാറ്റിൻകര ജില്ലയിൽ 22/ 04/ 2020ന് ചേർത്ത അക്ഷരവൃക്ഷം സൃഷ്ടികൾ