"സെന്റ്.ഫിലോമിനാസ് എച്ച്.എസ്. കൂനമ്മാവ്/അക്ഷരവൃക്ഷം/अभिलाषा" എന്ന താളിന്റെ പതിപ്പുകൾ തമ്മിലുള്ള വ്യത്യാസം

Schoolwiki സംരംഭത്തിൽ നിന്ന്
('अभिलाषा<br/><br/>बचपन से ही एक इच्छा है<br/> जो मन की गह...' താൾ സൃഷ്ടിച്ചിരിക്കുന്നു)
 
No edit summary
 
(2 ഉപയോക്താക്കൾ ചെയ്ത ഇടയ്ക്കുള്ള 19 നാൾപ്പതിപ്പുകൾ പ്രദർശിപ്പിക്കുന്നില്ല)
വരി 1: വരി 1:
अभिलाषा<br/><br/>बचपन से ही एक इच्छा है<br/>
{{BoxTop1
जो मन की गहराई अंधकार में फस गया था,<br/>
| തലക്കെട്ട്=अभिलाषा         <!-- തലക്കെട്ട് - സമചിഹ്നത്തിനുശേഷം കവിതയുടെ തലക്കെട്ട് നൽകുക -->
जो मुझे हर घडना में आत्मविश्वास प्रदान किया!<br/><br/>
| color=3          <!-- color - സമചിഹ്നത്തിനുശേഷം 1 മുതൽ 5 വരെയുള്ള ഏതെങ്കിലും നമ്പർ നൽകുക -->
}}
<poem><center>
बचपन से ही एक इच्छा है
जो मन की गहराई अंधकार में फस गया था,
जो मुझे हर घडना में आत्मविश्वास प्रदान किया!


रात और दिन,अभिलाषा मेरे साथ ही हैं......!!<br/>
रात और दिन,अभिलाषा मेरे साथ ही हैं......!!
मुझे नहीं पता कि मैं उसे निभा पाऊंगा,<br/>
मुझे नहीं पता कि मैं उसे निभा पाऊंगा,
फिर भी मैं कोशिश करती रहूंगी..!<br/>
फिर भी मैं कोशिश करती रहूंगी..!
एक एक इच्छा.. एक एक दिन में आता रहता है।<br/><br/>
एक एक इच्छा.. एक एक दिन में आता रहता है।


कभी सैकल मांगने का इच्छा,<br/>
कभी सैकल मांगने का इच्छा,
कभी डाक्टर बनने का इच्छा,<br/>
कभी डाक्टर बनने का इच्छा,
मन में अलग-अलग आग्रहों जागता रहता हैं,<br/>
मन में अलग-अलग आग्रहों जागता रहता हैं,
लेकिन क्या ‌फैता सब अंधकार के साथ-साथ डूब जाता है।<br/><br/>
लेकिन क्या ‌फैता सब अंधकार के साथ-साथ डूब जाता है।


इच्छा एक भौतिक परिवर्तन हैं!<br/>
इच्छा एक भौतिक परिवर्तन हैं!
जो बर्फ के समान, तापमान के साथ अपना रूप भी बदलते हैं ,<br/>
जो बर्फ के समान, तापमान के साथ अपना रूप भी बदलते हैं ,
कभी पिघल जाता है!<br/>
कभी पिघल जाता है!
कभी अपने असली रूप में बन जाता है!<br/><br/>
कभी अपने असली रूप में बन जाता है!


मनुष्य जीवन,अभिलाषाओं का खेल है<br/>
मनुष्य जीवन,अभिलाषाओं का खेल है
जिस खेल में कभि इच्छा जीतते हैं, कभी हम हार जाता है।<br/>
जिस खेल में कभि इच्छा जीतते हैं, कभी हम हार जाता है।
मुझे नहीं पता कि मेरे इच्छा पूरी हो या ना हो!! <br/><br/>
मुझे नहीं पता कि मेरे इच्छा पूरी हो या ना हो!!          
लेकिन मैं कोशिश करूंगा ,<br/>
                            ‌                               
और मुझे ‌प्रतीक्षा हैं कि अक्सर कोशिश करने से<br/>
लेकिन मैं कोशिश करूंगा ,
मेरा अभिलाषा ज़रूर पूरी होंगी।<br/><br/>
और मुझे ‌प्रतीक्षा हैं कि अक्सर कोशिश करने से
 
मेरा अभिलाषा ज़रूर पूरी होंगी।</center></poem>
कवयित्री: अमिया डी.बी(Amia T.B) <br/>
{{BoxBottom1
कक्षा: ८ सी ( 8 C )<br/>
| പേര്= അമിയ  ടി  ബി
| ക്ലാസ്സ്= 8 സി    <!-- ക്ലാസും ഡിവിഷനും നല്കുക. ഉദാ- (5 A  OR 5 എ) -->
| പദ്ധതി= അക്ഷരവൃക്ഷം
| വർഷം=2020
| സ്കൂൾ=സെന്റ. ഫിലോമിനാസ് എച്ച് എസ് എസ്, കൂനമ്മാവ്          <!-- കുട്ടിയുടെയും സ്കൂൾ, ജില്ല, ഉപജില്ല എന്നീ പേരുകളും മലയാളത്തിൽ തന്നെ നൽകുക-->
| സ്കൂൾ കോഡ്= 25051
| ഉപജില്ല= വടക്കൻ പറവൂർ      <!-- ചില്ലുകൾ ഉപയോഗിക്കേണ്ടിവരുമ്പോൾ ആണവച്ചില്ല് മാത്രം ഉപയോഗിക്കുക. (ഇവിടെ നിന്നും പകർത്താം  ൽ, ർ, ൻ, ൺ, ൾ ) -->
| ജില്ല= എറണാകുളം
| തരം= കവിത    <!-- കവിത / കഥ  / ലേഖനം -->
| color=3      <!-- color - 1 മുതൽ 5 വരെയുള്ള ഏതെങ്കിലും നമ്പർ നൽകുക -->
}}
{{Verified1|name= Dev| തരം=കവിത }}

13:05, 2 മേയ് 2020-നു നിലവിലുള്ള രൂപം

अभिलाषा

बचपन से ही एक इच्छा है
जो मन की गहराई अंधकार में फस गया था,
जो मुझे हर घडना में आत्मविश्वास प्रदान किया!

रात और दिन,अभिलाषा मेरे साथ ही हैं......!!
मुझे नहीं पता कि मैं उसे निभा पाऊंगा,
फिर भी मैं कोशिश करती रहूंगी..!
एक एक इच्छा.. एक एक दिन में आता रहता है।

कभी सैकल मांगने का इच्छा,
कभी डाक्टर बनने का इच्छा,
मन में अलग-अलग आग्रहों जागता रहता हैं,
लेकिन क्या ‌फैता सब अंधकार के साथ-साथ डूब जाता है।

इच्छा एक भौतिक परिवर्तन हैं!
जो बर्फ के समान, तापमान के साथ अपना रूप भी बदलते हैं ,
कभी पिघल जाता है!
कभी अपने असली रूप में बन जाता है!

मनुष्य जीवन,अभिलाषाओं का खेल है
जिस खेल में कभि इच्छा जीतते हैं, कभी हम हार जाता है।
मुझे नहीं पता कि मेरे इच्छा पूरी हो या ना हो!!
                            ‌
लेकिन मैं कोशिश करूंगा ,
और मुझे ‌प्रतीक्षा हैं कि अक्सर कोशिश करने से

मेरा अभिलाषा ज़रूर पूरी होंगी।
അമിയ ടി ബി
8 സി സെന്റ. ഫിലോമിനാസ് എച്ച് എസ് എസ്, കൂനമ്മാവ്
വടക്കൻ പറവൂർ ഉപജില്ല
എറണാകുളം
അക്ഷരവൃക്ഷം പദ്ധതി, 2020
കവിത


 സാങ്കേതിക പരിശോധന - Dev തീയ്യതി: 02/ 05/ 2020 >> രചനാവിഭാഗം - കവിത