ജ്യോതിനിലയം എച്ച്.എസ്.എസ് സെൻറ് ആൻഡ്രൂസ്/അക്ഷരവൃക്ഷം/हृदय की झलक
हृदय की झलक
कुछ साल पहले की बात है। एक गांव में एक। बूढी दादी रहती थी। उसके परिवारवाले नहीं थॆ। सड़क पर हमेशा दिखाती थी। स्कूली बच्चे हमेशा। उसकी मजाक उठाते थे। ऐसा दश्य देखकर छोटे। लल्लू ने एक दिन अपने दोस्तों को डाँटा। बे भी कुद्ध हुए। उनकी राय थी की अगर तुम पर इतानी दया। हो तो इसकी सुरक्षा अपने हाथ उठा लो। उसी समय उसके मन में। एक। झलका उठी । घर पहुंचकर उसने सारी बातें अपनी मां से बताई। अगले दिन स्कूल जाते वक्त मां ने उसके हाथ में एक पोटली रखी।सकपकाकर उसने देखा। तेरी बूढी दादी को दे दो, खाना है। मां ने कहा। लल्लू का चेहरा चमक उठा। बड़ी खुशी से वह स्कूल की और निकला। सड़क की उस घर पहुंचते ही वह उसको ढूंढने लगा। अंत में एक दुकान में सामने। साईं उस बूढी को वाह पोटली देकर स्कूल की और चला। कुछ महीनों तक। यह जारी रखी। वार्षिक परीक्षा के 1 महीने पहले वह बहुत परेशान हुआ। छुट्टी के अव सर उसकी देखथाल कौन करेगा? यही चिंता में पड़कर वह अश्वत बन गया। कुछ सोचकर उसने अपनी मां से कहा। मां ने उपदेश दिया कि हम कुछ न कर सकते। अधिकारी लोग इस पर ध्यान दें। उस छोटे मन में कध्यापिका से बताने की चिंता आई। उसने ऐसे किया। पंचायत अध्यक्ष के नेतृत्व में उस बूढी दादी को अनाथालय में पहुंचा दिया। हर एक व्यक्ति की सुरक्षा हमारा कर्तव्य है, उसने मन की मन कहा ।
സാങ്കേതിക പരിശോധന - lalkpza തീയ്യതി: 06/ 05/ 2020 >> രചനാവിഭാഗം - കഥ |
- അക്ഷരവൃക്ഷം പദ്ധതിയിലെ സൃഷ്ടികൾ
- തിരുവനന്തപുരം ജില്ലയിലെ അക്ഷരവൃക്ഷം-2020 സൃഷ്ടികൾ
- കണിയാപുരം ഉപജില്ലയിലെ അക്ഷരവൃക്ഷം-2020 സൃഷ്ടികൾ
- അക്ഷരവൃക്ഷം പദ്ധതിയിലെ കഥകൾ
- തിരുവനന്തപുരം ജില്ലയിലെ അക്ഷരവൃക്ഷം കഥകൾ
- തിരുവനന്തപുരം ജില്ലയിലെ അക്ഷരവൃക്ഷം സൃഷ്ടികൾ
- കണിയാപുരം ഉപജില്ലയിലെ അക്ഷരവൃക്ഷം-2020 കഥകൾ
- തിരുവനന്തപുരം ജില്ലയിൽ 06/ 05/ 2020ന് ചേർത്ത അക്ഷരവൃക്ഷം സൃഷ്ടികൾ
- അക്ഷരവൃക്ഷം 2020 ഹിന്ദി രചനകൾ
- അക്ഷരവൃക്ഷം 2020 പദ്ധതിയിൽ നാലാം ഘട്ടത്തിൽ പരിശോധിച്ച സൃഷ്ടികൾ
- അക്ഷരവൃക്ഷം 2020 പദ്ധതിയിൽ നാലാംഘട്ടത്തിൽ പരിശോധിച്ച കഥ