സെന്റ്.ഫിലോമിനാസ് എച്ച്.എസ്. കൂനമ്മാവ്/അക്ഷരവൃക്ഷം/अभिलाषा
अभिलाषा
बचपन से ही एक इच्छा है
जो मन की गहराई अंधकार में फस गया था,
जो मुझे हर घडना में आत्मविश्वास प्रदान किया!
रात और दिन,अभिलाषा मेरे साथ ही हैं......!!
मुझे नहीं पता कि मैं उसे निभा पाऊंगा,
फिर भी मैं कोशिश करती रहूंगी..!
एक एक इच्छा.. एक एक दिन में आता रहता है।
कभी सैकल मांगने का इच्छा,
कभी डाक्टर बनने का इच्छा,
मन में अलग-अलग आग्रहों जागता रहता हैं,
लेकिन क्या फैता सब अंधकार के साथ-साथ डूब जाता है।
इच्छा एक भौतिक परिवर्तन हैं!
जो बर्फ के समान, तापमान के साथ अपना रूप भी बदलते हैं ,
कभी पिघल जाता है!
कभी अपने असली रूप में बन जाता है!
मनुष्य जीवन,अभिलाषाओं का खेल है
जिस खेल में कभि इच्छा जीतते हैं, कभी हम हार जाता है।
मुझे नहीं पता कि मेरे इच्छा पूरी हो या ना हो!!
लेकिन मैं कोशिश करूंगा ,
और मुझे प्रतीक्षा हैं कि अक्सर कोशिश करने से
मेरा अभिलाषा ज़रूर पूरी होंगी।
कवयित्री: अमिया डी.बी(Amia T.B)
कक्षा: ८ सी ( 8 C )