उस दिन वे आए जब वे आए सब लोग परेशान हुए लेकिन कैसे है यह कौन है वह ? जब हम समझ गए कि वह है कोरोणा तब समय जा चुका था दुनिया भर वह फैल गया था । जब हाथ दिया जाता है तब वह आता है साथ जब हाथ धोता है साहुन से वह चला जाता है । उस पर विजय पाने केलिए हमें सामूहिक दूरी बनाए रखना है उसके आगमन को रोकने केलिए घरों में ही रहना है । घरों में खुशियाँ आयी दोस्त बन गए किताबें मुक्त हो गे लोग समय के बंधन से बन गए रिश्ते सफल । खुश हुए पशु- पक्षी और धर्ती माँ कोई त्योहार नहीं , कोई विलास नहीं केवल यही प्रार्थना ही है, हे ईश्वर इस महामारी को मिटाना ।