"സെന്റ്.ഫിലോമിനാസ് എച്ച്.എസ്. കൂനമ്മാവ്/അക്ഷരവൃക്ഷം/अभिलाषा" എന്ന താളിന്റെ പതിപ്പുകൾ തമ്മിലുള്ള വ്യത്യാസം

Schoolwiki സംരംഭത്തിൽ നിന്ന്
No edit summary
No edit summary
വരി 1: വരി 1:
{{BoxTop1
{{BoxTop1
| തലക്കെട്ട്=अभिलाषा         <!-- തലക്കെട്ട് - സമചിഹ്നത്തിനുശേഷം കവിതയുടെ തലക്കെട്ട് നൽകുക -->
| തലക്കെട്ട്=कोरोना         <!-- തലക്കെട്ട് - സമചിഹ്നത്തിനുശേഷം കവിതയുടെ തലക്കെട്ട് നൽകുക -->
| color=3          <!-- color - സമചിഹ്നത്തിനുശേഷം 1 മുതൽ 5 വരെയുള്ള ഏതെങ്കിലും നമ്പർ നൽകുക -->
| color=3          <!-- color - സമചിഹ്നത്തിനുശേഷം 1 മുതൽ 5 വരെയുള്ള ഏതെങ്കിലും നമ്പർ നൽകുക -->
}}
}}
<poem><center>
<poem><center>
बचपन से ही एक इच्छा है
सब मनुष्य का परिणाम,
जो मन की गहराई अंधकार में फस गया था,
सोता जागता हर वक्त
जो मुझे हर घडना में आत्मविश्वास प्रदान किया!
कोरोना के बारे में चिंतित है।


रात और दिन,अभिलाषा मेरे साथ ही हैं......!!
सब उसे बातचीत कर-कर
मुझे नहीं पता कि मैं उसे निभा पाऊंगा,
उसकी गंभीरता न समझते हैं
फिर भी मैं कोशिश करती रहूंगी..!
यहां-वहां हर तरफ ये हैं,
एक एक इच्छा.. एक एक दिन में आता रहता है।


कभी सैकल मांगने का इच्छा,
छोटा-बड़ा सबको यह सामान,
कभी डाक्टर बनने का इच्छा,
हर तरफ इसके बारे में
मन में अलग-अलग आग्रहों जागता रहता हैं,
लेकिन क्या फायदा कुछ भी नहीं कर सकता,
लेकिन क्या ‌फैता सब अंधकार के साथ-साथ डूब जाता है।


इच्छा एक भौतिक परिवर्तन हैं!
फिर भी हम कोशिश करता
जो बर्फ के समान, तापमान के साथ अपना रूप भी बदलते हैं ,
हर वक्त इस के बारे में हम सोचते
कभी पिघल जाता है!
प्रार्थना करते, चिंतित रहे,
कभी अपने असली रूप में बन जाता है!
 
सबको इसका गंभीरथा बता दे,
हर वक्त हमको और हमारा परिसर को शुद्ध करें, कदम उठालो
विश्वास रखो कि हमको इस कोरोना वायरस से जरूर मुक्ति मिलेंगी ।


मनुष्य जीवन,अभिलाषाओं का खेल है
जिस खेल में कभि इच्छा जीतते हैं, कभी हम हार जाता है।
मुझे नहीं पता कि मेरे इच्छा पूरी हो या ना हो!!
लेकिन मैं कोशिश करूंगा ,
और मुझे ‌प्रतीक्षा हैं कि अक्सर कोशिश करने से
मेरा अभिलाषा ज़रूर पूरी होंगी।
</center></poem>
</center></poem>
{{BoxBottom1
{{BoxBottom1
വരി 42: വരി 37:
| color=3      <!-- color - 1 മുതൽ 5 വരെയുള്ള ഏതെങ്കിലും നമ്പർ നൽകുക -->
| color=3      <!-- color - 1 മുതൽ 5 വരെയുള്ള ഏതെങ്കിലും നമ്പർ നൽകുക -->
}}
}}
{{verified1|name=DEV|തരം=കവിത}}

06:27, 21 ഏപ്രിൽ 2020-നു നിലവിലുണ്ടായിരുന്ന രൂപം

कोरोना

सब मनुष्य का परिणाम,
सोता जागता हर वक्त
कोरोना के बारे में चिंतित है।

सब उसे बातचीत कर-कर
उसकी गंभीरता न समझते हैं
यहां-वहां हर तरफ ये हैं,

छोटा-बड़ा सबको यह सामान,
हर तरफ इसके बारे में
लेकिन क्या फायदा कुछ भी नहीं कर सकता,

फिर भी हम कोशिश करता
हर वक्त इस के बारे में हम सोचते
प्रार्थना करते, चिंतित रहे,

सबको इसका गंभीरथा बता दे,
हर वक्त हमको और हमारा परिसर को शुद्ध करें, कदम उठालो
विश्वास रखो कि हमको इस कोरोना वायरस से जरूर मुक्ति मिलेंगी ।

അമിയ ടി ബി
8 സി സെന്റ. ഫിലോമിനാസ് എച്ച് എസ് എസ്, കൂനമ്മാവ്
വടക്കൻ പറവൂർ ഉപജില്ല
എറണാകുളം
അക്ഷരവൃക്ഷം പദ്ധതി, 2020
കവിത