*प्रकृति
प्रकृति


हे मेरी प्रिय प्रकृति.....
तू कितनी सुंदर है
तेरी गोद के हरे भरे पेड
कितने सुंदर
कल कल करती नदियां भी
कितनी सुंदर ...
आसमान के बादल भी
बारिश को लाकर
बढाती है तेरी सुंदरता
रात को आसमान में
तारे झिलमिलाकर
बढाती है तेरी सुंदरता
मेरी प्रिय प्रकृति
तू मेरी जान से भी
प्यारी है ।


 

मञ्जु टि ए
7A എൻ എസ്സ് എസ്സ് എച്ച് എസ്സ് എസ്സ് പാറക്കടവ്,
അങ്കമാലി ഉപജില്ല
എറണാകുളം
അക്ഷരവൃക്ഷം പദ്ധതി, 2020
കവിത


 സാങ്കേതിക പരിശോധന - Thomasmdavid തീയ്യതി: 06/ 05/ 2020 >> രചനാവിഭാഗം - കവിത