हे मेरी प्रिय प्रकृति.....
तू कितनी सुंदर है
तेरी गोद के हरे भरे पेड
कितने सुंदर
कल कल करती नदियां भी
कितनी सुंदर ...
आसमान के बादल भी
बारिश को लाकर
बढाती है तेरी सुंदरता
रात को आसमान में
तारे झिलमिलाकर
बढाती है तेरी सुंदरता
मेरी प्रिय प्रकृति
तू मेरी जान से भी
प्यारी है ।