भारत माँ रोती है बच्चे आपस मै लहते है वर्ण - जाति भेद बताते हत्या आपस में करते हैं। माताजी बाली लड़ना मत फिर भी वचचे न मानते हैं इस्लाम कहते यह धरती हमारी दानों ने फिर शुरू की लड़ाई अतं में यह खुश हो जाते है। व्यर्थ बहाते है खून हुमारे जवन लेते है काल हमारे फिर भी बोली लडना मत में हूँ सब की माताजी I बच्चों के खून सहलेती माती भातं भाव से समझाति वह कसम कर लो मिलकर साथ पालनब करेंगे माँ की आज्ञा भ्रतृ भाव से जितँगे साथ काभी न नाडें माँ की आज्ञा