समय नहीं था
घरवालों से बातें करने।
समय नहीं था
सबके साथ रहने
समय नहीं था
सबका ख्याल रखने
समय नहीं था
खाने से पहले हाथ धुलाने
भूल गये थे
हम पुराने रिवाजों को
भूल गये थे
हम नमस्कार करना
लेकिन
अब लोग जा रहे हैं
पुराने ज़मीन की ओर ।
कोरोना सिखाये रास्तों से
चलते हैं हम।
कोरोना आई है
सबको अच्छा बनाने।
आज पक्षी खुश हैं क्योंकि
अब वे पिंजरों से बाहर हैं।
पर आज मानव
पिंजरों में पड़े हैं।