पडोसी की पहचान
पहले मुझे केवल मेरे परिवारवालों को जानता था | पडोस मे कौन रहता है और वहां कौन कौन है यह मुझे नहीं जानता था | हर दिन सबेरे स्कूल जाता और शाम को वापस आता | बाकी समय में ओर मेरी बहन घर में समय बिताते थे या खेलते थे | जब कोरोना महामारी के कारण केरल लोकडउन में पड गया तब मेरे पडोसी वालों को परिचय पाने का अवसर मिला |क्या आप लोग जानना चाहता है कैसे संभव हुवा ? लोकडउन के कुछ दिन के बाद पडोसीवाले अपने फाटक पर आकर हम को बुलाया और कटहल दिया |अगले दिन मेरी माताजी ने उनको पपीता दिया | इसी प्रकार की आदान प्रदान से लोकडउन के समय मेरे पडोसी का परिचय पाने का अवसर मुझे मिला|
സാങ്കേതിക പരിശോധന - Sachingnair തീയ്യതി: 04/ 05/ 2020 >> രചനാവിഭാഗം - ലേഖനം
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