हमारा कर्त्तव्य


मेरी प्यारी माता बोली
बाहर खेलने मत जाओ
मेरे प्यारे पिता भी बोले
कुछ दिन ऐसा रहना है ।
 
एक,दो,तीन दिन बिता ऐसे
बाँधा मोरी आया दिल के
पुछा कुछ भी माॅ-बाप से
कारण ऐसे बोलने का ।
  
अगले दिन,मैं बाहर निकला
छिप के ऑखों माॅ-बाप के
आए दोनों गुस्से होकर
पकड़ा मुझे और अंदर गये।

मैं ने पूछा,छुट्टी है न?
बाहर जाकर खेलने दो
मुझे ओर भी खेलना है,
बाहर जाकर खेलने दो।

पिताजी बोलें वालसलता से
देश देश भर बिमारी है।
कोविड नामक बिमारी
भीकर रुपी बिमारी।

हर एक व्यक्ति अपने घर में
बंढी रहना खुद से ही
ऐसा बोले पी.एम हमारे
देश की रक्षा करने को।

पालन करना उनके आदेश
हम सब के कर्त्तव्य है।
देश की रक्षा हर एक हाथ में
सुरक्षित रखना सबके स्वास्थ्य है।

 

ദീപ്തിലാൽ.ടി
8.C എസ്സ്.എൻ.എം.എച്ഛ്.എസ്സ്.എസ്സ്.പുറക്കാട്
അമ്പലപ്പുഴ ഉപജില്ല
ആലപ്പുഴ
അക്ഷരവൃക്ഷം പദ്ധതി, 2020
കവിത