ഗവൺമെൻറ്. എച്ച്.എസ്.എസ് മാരായമുട്ടം/അക്ഷരവൃക്ഷം/आँखें खोलो ईश्वर

आँखें खोलो ईश्वर
 

उस दिन वे आए

जब वे आए

सब लोग परेशान हुए

लेकिन कैसे है यह

कौन है वह ?

जब हम समझ गए कि

वह है कोरोणा

तब समय जा चुका था

दुनिया भर वह फैल गया था ।

जब हाथ दिया जाता है

तब वह आता है साथ

जब हाथ धोता है साहुन से

वह चला जाता है ।

उस पर विजय पाने केलिए

हमें सामूहिक दूरी बनाए रखना है

उसके आगमन को रोकने केलिए

घरों में ही रहना है ।

घरों में खुशियाँ आयी

दोस्त बन गए किताबें

मुक्त हो गे लोग समय के बंधन से

बन गए रिश्ते सफल ।

खुश हुए पशु- पक्षी और धर्ती माँ

कोई त्योहार नहीं , कोई विलास नहीं

केवल यही प्रार्थना ही है,

हे ईश्वर इस महामारी को मिटाना ।

അഞ്ജന
9C ഗവ.എച്ച് എസ് എസ് മാരായമുട്ടം
നെയ്യാറ്റിൻകര ഉപജില്ല
തിരുവനന്തപുരം
അക്ഷരവൃക്ഷം പദ്ധതി, 2020
കവിത