उश दिन वे आए
जब वे आए
सब लोग परेशान हुए
लेकिन कैसे है यह
कौन है वह ?
जब हम समझ गए कि
वह है कोरोणा
तब समय जा चुका था
दुनिया भर वह फैल गया था ।
जब हाथ दिया जाता है
तब वह आता है साथ
जब हाथ धोता है साहुन से
वह चला जाता है ।
उस पर विजय पाने केलिए
हमें सामूहिक दूरी बनाए रखना है
उसके आगमन को रोकने केलिए
घरों में ही रहना है ।
घरों में खुशियाँ आयी
दोस्त बन गए किताबें
मुक्त हो गे लोग समय के बंधन से
बन गए रिश्ते सफल ।
खुश हुए पशु- पक्षी और धर्ती माँ
कोई त्योहार नहीं , कोई विलास नहीं
केवल यही प्रार्थना ही है,
हे ईश्वर इस महामारी को मिटाना ।